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माँ शब्द है श्रद्धा का प्रतीक: आर्यिका स्वस्तिभूषण माताजी

केकड़ी, 21 अप्रैलबोहरा कॉलोनी स्थित श्री नेमिनाथ जैन मंदिर के समीप शिवम वाटिका में चल रहे धार्मिक आयोजन के अंतर्गत सोमवार को आर्यिका श्री 105 स्वस्तिभूषण माताजी ने धर्मोपदेश देते हुए कहा कि “माँ” केवल एक शब्द नहीं, बल्कि श्रद्धा, त्याग और ममता की जीवंत प्रतिमूर्ति है। माताएं न केवल जीवनदाता होती हैं, बल्कि वे संतान को संस्कार और धर्म का पथ भी दिखाती हैं ताकि वह कभी गलत दिशा में न भटके।


मीडिया प्रभारी रमेश बंसल व पारस जैन ने बताया कि प्रातःकालीन शांतिधारा का सौभाग्य ओमप्रकाश, गोविंद कुमार, योगेश कुमार सदारा परिवार तथा पारस मल, महावीर प्रसाद, लाभचंद बघेरा परिवार को प्राप्त हुआ।समाज अध्यक्ष ज्ञान चंद जैन ज्वैलर्स एवं मंत्री कैलाश चंद जैन मावा वालों ने जानकारी दी कि श्री मुनिसुव्रतनाथ भगवान के तप, ज्ञान और जन्म कल्याणक के उपलक्ष्य में 21 से 23 अप्रैल तक विविध धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं।


सोमवार प्रातः भव्य घटयात्रा निकाली गई और पात्रों का चयन किया गया। सोधर्म इन्द्र के रूप में कैलाश चंद, प्रकाश चंद, पीयूष कुमार, एवं कुबेर इन्द्र के रूप में सुरेन्द्र कुमार, विनय कुमार रांटा को सौभाग्य प्राप्त हुआ। वहीं यज्ञ नायक के रूप में अमर चंद, अशोक कुमार और अनिल कुमार कुहाड़ा चयनित हुए।


शाम को महिला सम्मेलन, आनंद यात्रा तथा सांस्कृतिक प्रस्तुतियों का आयोजन हुआ, जिसमें समाजजनों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। मीडिया प्रभारी ने बताया कि मंगलवार को भगवान मुनिसुव्रतनाथ का ज्ञान कल्याणक मनाया जाएगा, साथ ही शांतिधारा व विधान का आयोजन भी आर्यिका माताजी ससंघ के सान्निध्य में किया जाएगा।


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