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केकड़ी में समयपूर्व जन्मी बच्चियों को नवजीवन, चिकित्सकों की टीम ने निभाई अहम भूमिका

केकड़ी- राजकीय जिला चिकित्सालय के नवजात शिशु इकाई में चिकित्सकों की सतत देखभाल और उपचार से एक साथ जन्मी तीन अत्यधिक कम वजन की बच्चियों को नया जीवन मिला। सोमवार को तीनों बच्चियों को स्वस्थ अवस्था में अस्पताल से छुट्टी दी गई। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. नवीन कुमार जांगिड़ ने बताया कि जुवारिया मोहल्ला, केकड़ी निवासी कर्मा पत्नी मुकेश मेघवंशी को 13 अप्रैल को समय से पूर्व प्रसव पीड़ा हुई थी जबकि उनकी डिलीवरी तिथि में लगभग डेढ़ माह का समय बाकी था। परिजनों द्वारा तत्काल जिला अस्पताल लाए जाने के बाद कर्मा ने प्रसव वार्ड में तीन बच्चियों को जन्म दिया। समय से पहले जन्म लेने के कारण तीनों नवजात बच्चियों का वजन अत्यंत कम था और उन्हें सांस लेने में गंभीर परेशानी हो रही थी। तत्कालीन स्थिति की गंभीरता को देखते हुए बच्चियों को नवजात शिशु इकाई में भर्ती कर बबल सीपेप मशीन के सहारे उपचार शुरू किया गया। इसके बाद उन्हें ऑक्सीजन सपोर्ट दिया गया और धीरे-धीरे उनकी हालत में सुधार आने पर ट्यूब फीडिंग शुरू की गई। बाद में परिजनों को कटोरी-चम्मच से दूध पिलाने की विधि सिखाई गई। नवजात शिशु इकाई प्रभारी डॉ. मनोज कुमार नागर ने बताया कि समय से पूर्व जन्मे बच्चों की विशेष देखभाल की आवश्यकता होती है। इसी के तहत बच्चियों को कंगारू मदर केयर पद्धति के अंतर्गत मां, दादी और मौसी की मदद से निरंतर त्वचा से त्वचा संपर्क में रखा गया।


 निरंतर निगरानी और देखभाल के चलते तीनों बच्चियों का वजन बढ़ा और वे स्वस्थ हुईं। इस दौरान डॉक्टर सविता मौर्य, डॉ. अखिलेश शर्मा, डॉ. लोकेश मीणा, डॉ. अभिषेक जैन तथा नवजात शिशु इकाई के नर्सिंग प्रभारी आलोक कुमावत, निखिल साहू, विमला मीणा, उदी धाकड़, दिव्या पाराशर, सुरेखा माली, दशरथ चौधरी, निर्मल मीणा, आशाराम कुमावत, मीना खटीक तथा तीनों हेल्पर्स ने महत्वपूर्ण योगदान दिया।


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