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आर्यिका स्वस्तिभूषण माताजी ने बताया संस्कारों का महत्व

केकड़ी, 23 अप्रैल- बोहरा कॉलोनी स्थित शिवम वाटिका में आयोजित त्रिदिवसीय श्री मुनिसुव्रतनाथ भगवान जन्म एवं तप कल्याणक महोत्सव बुधवार को धार्मिक उत्साह और आध्यात्मिक वातावरण के साथ संपन्न हुआ। धर्मसभा में गणिनी आर्यिका 105 श्रीमद् स्वस्तिभूषण माताजी ने अपने प्रवचनों में कहा कि मानव जीवन में संस्कारों का विशेष महत्व है। अच्छे संस्कारों के लिए जिनागम के रहस्यों को समझना आवश्यक है। तीर्थंकरों के कल्याणक पुण्यशाली जीव ही मना सकते हैं, और हमें जिनधर्म की प्रभावना के लिए 24 तीर्थंकरों के कल्याणक धूमधाम से धार्मिक कार्यक्रमों के साथ मनाने चाहिए।


प्रातः आर्यिका माताजी ससंघ श्री मुनिसुव्रतनाथ जैन मंदिर पहुंचीं। वहाँ से भागचंद जैन, ज्ञानचंद जैनम, कुमार सावर व विनय कुमार सावर परिवार जिन प्रतिमा लेकर शिवम वाटिका तक भव्य शोभायात्रा के रूप में पहुंचे। शोभायात्रा में बैंड बाजों के साथ श्रद्धालुओं का उत्साह देखते ही बनता था।भगवान मुनिसुव्रतनाथ का महामस्तकाभिषेक पंडित कपिल भैया एवं पंडित निकेत शास्त्री के निर्देशन में 1008 रजत कलशों से रिद्धि-सिद्धि मंत्रों के साथ सम्पन्न हुआ। प्रथम कलश का सौभाग्य टीकमचंद, विपिन कुमार, जितेंद्र कुमार, सानिध्य परिवार को प्राप्त हुआ। शांतिधारा का पुण्य महावीर प्रसाद, पदमचंद, अक्षत बीजवाड़ परिवार को प्राप्त हुआ।


कार्यक्रम में उपखंड अधिकारी सुभाष चंद्र हेमानी एवं तहसीलदार बंटी राजपूत ने भगवान महावीर व आचार्य श्री के चित्र का अनावरण कर दीप प्रज्वलन किया। साथ ही उन्होंने मंच से अपने विचार रखते हुए कहा कि आर्यिका माताजी की प्रेरणा से जहाजपुर में जहाज मंदिर जैसा भव्य और विश्व प्रसिद्ध मंदिर बना है। उन्होंने कहा कि आज की महिला सर्वशक्तिमान है, और समाज को दिशा देने की क्षमता रखती है।


भारतीय जनता पार्टी नगर अध्यक्ष रितेश जैन भी इस अवसर पर विशेष रूप से उपस्थित रहे। समाज के गणमान्य नागरिकों ने उपखंड अधिकारी, तहसीलदार व अन्य अतिथियों का माल्यार्पण कर स्वागत-सम्मान किया। आर्यिका माताजी के पादप्रक्षालन का सौभाग्य टीकमचंद, मोनू कुमार रामथला परिवार को प्राप्त हुआ। मंच संचालन मीडिया प्रभारी रमेश बंसल और पारस जैन ने किया। धर्मसभा में बड़ी संख्या में श्रद्धालुजन मौजूद रहे।



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