अहंकार मिटाकर बोधि और समाधि से मोक्ष की ओर बढ़ें- मुनि अनुपम सागर महाराज
21 अगस्त 2024, केकड़ी-मानव को अपने जीवन को सुधारने के लिए भव-भव को सुधारने के लिए प्रभु से बोधि समाधि एवं परिणाम शुद्धि करने के लिए प्रभु से अनुनय विनय करते हुए भवातीत भव को सुधार सकते हैं अहंकार में इंसान किसी के द्वारा किए गए उपकार को भूल जाता है । अज्ञानता का नाश करने के लिए बोध ज्ञान आवश्यक है । अगले भाव को सुधारने के लिए समाधि पूर्वक आत्मों लब्धि प्राप्त करके मोक्ष मार्ग प्रशस्त कर सकते हैं । सच्चा शिष्य और सच्चा पुत्र अपने किए गए पारमार्थिक कार्यों के द्वारा नाम रोशन कर सकता है । धर्मात्मा व्यक्ति धर्म कार्य पर ही बन सकता है । भावुकता में आकर कोई निर्णय तो कर लेता है लेकिन बाद में पछताना पड़ता है। यह बात घंटाघर स्थित श्री आदिनाथ मंदिर में विराजित सत्यार्थ बोध पावन वर्षा योग के अवसर पर आयोजित अनुपम सागर महाराज ने कही।
उन्होंने कहा कि धन संपत्ति का सही सदुपयोग कर लेने पर भोग भूमि को प्राप्त कर सकता है। मानव की चाह रूपी तृष्णा कभी भी शांत नहीं हो पाती है । लेकिन चाहने भर से किसी भी प्रकार वह नहीं मिल पाती है । यदि किस्मत है तो ही वह उसे प्राप्त कर सकता है । किस्मत को पहचानने में उसकी चाहत करते हुए कभी भी पुरूषार्थ बंद नहीं करना चाहिए।प्रातः जिनाभिषेक, शांति द्वारा एवं जिनेंद्र अर्चना सहित धार्मिक कार्यक्रम मुनि ससंघ के सानिध्य में संपन्न हुए । शाम को 1008 दीपकों द्वारा आरती एवं भक्ति संगीत का कार्यक्रम हुआ। वर्षायोग कमेटी के अध्यक्ष ओम मित्तल ने बताया कि पर्यूषण पर्व के पावन अवसर पर होने वाले विशुद्ध संयम साधना श्रावक संस्कार शिविर की आमंत्रण पत्रिका का विमोचन सकल दिगम्बर जैन समाज द्वारा मुनि ससंघ के सानिध्य में किया गया।
मीडिया प्रभारी रमेश जैन ने बताया कि आचार्य के चित्र अनावरण, दीप प्रज्जवलन, पाद प्रक्षालन एवं शास्त्र भेंट निर्मल कुमार, गौरव, सम्यक, समकित पाटनी परिवार एवं विमल कुमार, चेतन कुमार, नीरज कुमार बंसल बिसून्दनी वालों द्वारा किया गया। दिलीप जैन के अनुसार मुनि ससंघ के दर्शनार्थ आगरा, कोटा आदि स्थानों से श्रद्धालु पधारे एवं धर्म लाभ प्राप्त किया । धर्मसभा का संचालन के.सी. जैन ने किया।
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